
Govind Ballabh Pant University of Agriculture & Technology
गोविंद बल्लभ पंत कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय
Udham Singh Nagar, Uttarkhand 263145
Fax: 05944-233473
Email: regreg@gbpuat.ac.in

Department of Information Technology,
College of Technology, Pantnagar
कृषि कल्याण के लिए सरकारी नीतियां






मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना
यह योजना देश के सभी किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी करने में राज्य सरकारों की सहायता के लिए शुरू की गई है। मृदा स्वास्थ्य कार्ड मिट्टी के स्वास्थ्य और इसकी उर्वरता में सुधार के लिए पोषक तत्वों की उचित खुराक की सिफारिश के साथ किसानों को उनकी मिट्टी की पोषक स्थिति के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं।
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नीम लेपित यूरिया (एनसीयू)
यूरिया के उपयोग को विनियमित करने, फसल को नाइट्रोजन की उपलब्धता बढ़ाने और उर्वरक प्रयोग की लागत को कम करने के लिए योजना को बढ़ावा दिया जा रहा है। एनसीयू उर्वरक की रिहाई को धीमा कर देता है और इसे प्रभावी तरीके से फसल को उपलब्ध कराता है।
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परम्परागत कृषि विकास योजना (पी-के-वी-वाई)
इसे देश में जैविक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लागू किया जा रहा है। इससे मृदा स्वास्थ्य और जैविक पदार्थ की मात्रा में सुधार होगा और किसान की शुद्ध आय में वृद्धि होगी ताकि प्रीमियम कीमतों का एहसास हो सके।
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प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पी-एम-के-एस-वाई)
सुनिश्चित सिंचाई के साथ खेती वाले क्षेत्र का विस्तार करने, पानी की बर्बादी को कम करने और पानी के उपयोग की दक्षता में सुधार करने के लिए इसे लागू किया जा रहा है।
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राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-एनएएम)
यह नवोन्मेषी बाजार प्रक्रिया कृषि बाजारों में क्रांतिकारी बदलाव ला रही है, जिससे बेहतर मूल्य की खोज सुनिश्चित हो रही है, पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा आ रही है, जिससे किसानों को उनकी उपज के लिए 'वन नेशन वन मार्केट' की ओर बढ़ते हुए बेहतर पारिश्रमिक प्राप्त करने में सक्षम बनाया जा सके।
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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पी-एम-एफ-बी-वाई)
पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना (RWBCIS) को खरीफ 2016 से शुरू किया गया था ताकि गैर-निवारक प्राकृतिक जोखिमों के खिलाफ बुवाई से पहले से लेकर कटाई के बाद के नुकसान तक व्यापक फसल बीमा कवरेज प्रदान किया जा सके।
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